गौरी शंकर सेवा दल चंडीगढ़
समय : प्रातःकाल 6 बजे से - सायंकाल 6 बजे तक
गौरी शंकर सेवादल

प्रश्नः - गोदान का वास्तविक अर्थ क्या हैं?

उत्तर:-युगधर्म के अनुसार गोदान का अर्थ गाय का दान करना ही नहीं बल्कि गौमाता के लिए दान करना भी है। गौ के लिए दान देने से सभी दस महादान फलीभूत होते हैं:-

१. विद्या दान:- गौ दूध से बुद्धि का विकास

२.अन्न दान:- दलिया के रूप में गौ अन्न भी ग्रहण करती हैं। ३. छत्र दान:- गौ के लिए शैड बनवाना

४. जलदान:- गौ के लिए जलाश्य बनवाना

५. स्वर्ण दान:- गौमूत्र में स्वर्ण तत्व पाया जाता हैं।

६. लवण दान:- गौमाता को नमक भी खिलाया जाता हैं।

तिल दान :- दलिया बनाने में तिल का प्रयोग या तिल के तेल का प्रयोग उत्तम खुराक हैं।

८. गुड़ दान:- गौ को गुड़ भी खिलाया जाता हैं।

९. वस्त्र दान:- गौमाता को कंबल या गौसेवकों को वस्त्र दान दिया जाता हैं।

१०. भूमि दान:- गौधाम बनाने के लिए भूमि भी चाहिए। भावार्थ:- अन्य स्थानों पर उपरोक्त द्रव्यों का दान करने से अधिकांश दान लेने वाले उसका उपयोग नहीं करते या फिर दान लेने से ही मना कर देते हैं (जैसे काले तिल, नमक, छाता, वस्त्र ) । उपरोक्त द्रव्यों में से कुछ द्रव्यों का दान हर कोई नहीं कर सकता जैसे, स्वर्ण और भूमि।फिर यदि कोई पुण्यात्मा अपनी कमाई से 10 महादान करने का पूर्ण पुण्य अर्जित करना चाहता हैं तो गौमाता के लिए दान दे। #गौ_संवत्सर #गौमाता_राष्ट्रमाता

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